Lucknow News: उत्तर प्रदेश के पिछड़े माने जाने वाले बुंदेलखंड को अब औद्योगिक और आर्थिक ताकत बनाने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार बुंदेलखंड को नोएडा की तर्ज पर एक नया औद्योगिक शहर बनाने के लिए पूरी गंभीरता से जुटी है. इसके लिए सरकार ने बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (बीडा) का गठन किया है, जिसकी परियोजनाओं के लिए अब तक 17,840 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है.
बीडा के तहत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया बेहद पारदर्शी और तेज़ी से पूरी की जा रही है. अब तक अधिग्रहीत भूमि में 12,700 एकड़ निजी भूमि और 5,140 एकड़ सरकारी भूमि शामिल है. सीएम योगी खुद भूमि अधिग्रहण की दैनिक, साप्ताहिक और मासिक समीक्षा कर रहे हैं, जिससे अधिकारियों में जवाबदेही भी बनी हुई है और ज़मीन की उपलब्धता बिना किसी अड़चन के सुनिश्चित हो रही है.
बुंदेलखंड को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाना
योगी सरकार का साफ कहना है कि सिर्फ जमीन लेना ही लक्ष्य नहीं है, बल्कि बुंदेलखंड को औद्योगिक, रोजगार और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना असली मकसद है. बीडा की मदद से क्षेत्र में डिफेंस कॉरिडोर, एमएसएमई इकाइयों, स्टार्टअप हब और अन्य औद्योगिक प्रतिष्ठानों की स्थापना की योजना है. इससे युवाओं को रोज़गार मिलेगा और पलायन रुकेगा.
बुंदेलखंड में बदलते विकास के मायने
बुंदेलखंड लंबे समय से सूखा, बेरोजगारी और पलायन जैसी समस्याओं से जूझता रहा है. मगर अब योगी सरकार इसे विकास और निवेश का केंद्र बनाने की दिशा में काम कर रही है. झांसी, चित्रकूट, महोबा, बांदा और जालौन जैसे जिलों में सड़क, बिजली और परिवहन की सुविधाओं को बेहतर बनाया जा रहा है.
बुंदेलखंड डिफेंस कॉरिडोर: विकास की रीढ़
सरकार की एक और बड़ी योजना बुंदेलखंड डिफेंस कॉरिडोर है, जिसे केंद्र सरकार की मदद से विकसित किया जा रहा है. यह परियोजना भी बीडा के अंतर्गत ही तेजी पकड़ रही है. इससे न केवल रक्षा उपकरणों का निर्माण होगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय निवेश भी आकर्षित होगा. बुंदेलखंड को पिछड़ेपन से उबारने के लिए योगी सरकार ने बीडा के माध्यम से जो ठोस कदम उठाए हैं, वह आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र की तस्वीर बदल सकते हैं. अगर यही रफ्तार बनी रही तो बुंदेलखंड, उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी बनने की राह पर मजबूती से आगे बढ़ेगा.