Karol Bagh Trader Murder Case: दिल्ली के करोल बाग की तंग गलियों में हुई उस खौफनाक हत्या को भले ही नौ महीने बीत चुके हों, लेकिन दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिखा दिया कि कानून के हाथ लंबे होते हैं. दिल्ली के करोल बाग में सर्राफा व्यापारी प्रताप जाधव की दिनदहाड़े हत्या और लूट के मामले में फरार चल रहा मुख्य आरोपी फारुख आखिरकार महाराष्ट्र के पुणे से दबोच लिया गया.

फारुख, कर्नाटक के विजयपुर जिले के टिकोटा गांव का रहने वाला है. घटना के बाद उसने अपनी पहचान, ठिकाना और जिंदगी सब कुछ बदल डाला. कभी बढ़ई का काम करने वाला फारुख पुणे में ट्रांसपोर्ट कंपनी में लोडर बनकर खुद को छिपाए बैठा था. 

26 जुलाई 2023 की दोपहर करोल बाग के बिरमपुरा इलाके में अफरातफरी मच गई थी. गली नंबर 20 से एक खून से लथपथ शव बरामद हुआ था. जो इलाके के एक प्रतिष्ठित सर्राफा व्यापारी थे. उन पर चाकू से एक के बाद एक कई वार किए गए थे. वारदात को अंजाम देकर हमलावर नकद और सोना लूटने की कोशिश में थे, लेकिन प्रताप ने डटकर मुकाबला किया. प्रतिरोध ही उनकी मौत का कारण बना.

जांच में सामने आया कि ये महज लूट नहीं थी, बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी. आरोपी सुदीप, महबूब, अरुण, गणेश और फारुख ने मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था. चार आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था, लेकिन फारुख गिरफ्त से बाहर था. दिल्ली पुलिस ने उस पर 50 हजार का इनाम घोषित कर रखा था.

क्राइम ब्रांच की टीम ने फारुख की तलाश में सोशल मीडिया से लेकर टेक्निकल सर्विलांस तक हर हथियार आजमाया. हेड कांस्टेबल सुधीर और कांस्टेबल नवीन की पैनी नजर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट से फारुख की संभावित लोकेशन की पुष्टि की. आखिरकार पुणे में एक गुप्त ऑपरेशन के तहत SI सम्राट खटियान, इंस्पेक्टर विवेक मालिक और उनकी टीम ने फारुख को घेरकर गिरफ्तार कर लिया. पकड़े जाने के बाद फारुख ने अपने गुनाह कबूल कर लिए. उसने बताया कि वारदात के बाद वह कर्नाटक से भागकर महाराष्ट्र आया और पहचान छिपाकर मजदूरी करने लगा.