Uttarakhand News: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नैनीताल और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते ट्रैफिक जाम को लेकर गंभीर रुख अपनाया है. जनहित याचिका (पीआईएल) अजय रावत बनाम यूनियन ऑफ इंडिया की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सरकार को शहर में छोटी-छोटी पार्किंग बनाने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए हैं.
न्यायालय ने भवाली सैनिटोरियम को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में बदलने और कैंची धाम को जाम मुक्त करने के लिए भी जरूरी कदम उठाने को कहा है. सुनवाई के दौरान अदालत ने कैंची धाम पर बढ़ती भीड़ और निजी वाहनों से आने वाले भक्तों की संख्या पर चिंता जताई. सरकार की ओर से बताया गया कि वर्तमान में केवल 50 वाहनों की पार्किंग व्यवस्था है, जबकि एक बड़ी पार्किंग और हैलीपैड निर्माण की योजना तैयार की जा रही है.
23 अप्रैल को अगली सुनवाई
खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र पाटनी की भवाली सैनिटोरियम को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने की मांग पर भी सहमति जताई. अदालत ने गंभीर मरीजों के इलाज के लिए नैनीताल और आसपास के पहाड़ी इलाकों से सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में स्थानांतरण की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए. सीएससी चंद्रशेखर सिंह रावत ने बताया कि सैनिटोरियम के पांच से छह भवनों का जीर्णोद्धार कर लिया गया है. इस पर न्यायालय ने कहा कि यदि यहां आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं तो मरीजों का इलाज तेज हो सकता है और इसे 1000 बिस्तरों वाला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने की दिशा में सोचना चाहिए.
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टैक्सी यूनियन से जुड़े मसले पर वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत ने स्थानीय टैक्सी चालकों के बेरोजगार होने की समस्या उठाई. इस पर न्यायालय ने स्थानीय नागरिकों को टैक्सी चलाने की अनुमति देने पर विचार करने के निर्देश दिए. लंच के बाद हुई सुनवाई में कोर्ट ने सभी विभागों को नगर क्षेत्र में स्टिल्ट पार्किंग बनाने की संभावनाएं तलाशने को कहा. अदालत ने सुझाव दिया कि सात फीट ऊंची पार्किंग संरचनाओं के माध्यम से शहर की पार्किंग समस्या का हल निकाला जा सकता है. मामले की अगली सुनवाई बुधवार, 23 अप्रैल को होगी.