Saamana on Uddhav Thackeray- Raj Thackeray: महाराष्ट्र की राजनीति के दो भाई उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक बार फिर साथ आ सकते हैं. इसको लेकर राज्य में राजनीति तेज हो गई है. अब खुद उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी के मुखपत्र सामने में इस विषय पर स्पष्ट बयान दिया गया है. सामना संपादकीय में संजय राउत ने लिखा है कि अगर राज और उद्धव ठाकरे साथ आना चाहते हैं, तो दूसरों को क्या दिक्कत है?
दरअसल, सामना संपादकीय में लिखा गया है, “राज और उद्धव ठाकरे एक साथ आने को तैयार हैं. जहां कई लोग खुश हुए, वहीं कई लोग पेट दर्द से बेजार हो गए. राज ठाकरे ज्यादा सफल नहीं रहे हैं. बीजेपी, शिंदे मंडली आदि राज के कंधे पर बंदूक रखकर शिवसेना पर हमला करते रहे. इससे राज की पार्टी को राजनीतिक तौर पर तो कोई फायदा नहीं हुआ, लेकिन मराठी एकता को भारी नुकसान हुआ.”
‘राज ठाकरे को नकली हिन्दुत्व के जाल में फंसाया’
मुखपत्र में बीजेपी पर बड़ा हमला बोला गया है. संजय राउत ने लिखा है, “बीजेपी का हिंदुत्व नकली और घटिया है. बीजेपी ने राज को इस नकली हिंदुत्व के जाल में फंसाया और वे फिसलते चले गए. बीजेपी, एकनाथ शिंदे आदि ही लोगों ने विवाद शुरू किया. इसलिए अगर बीजेपी और शिंदे को दूर रखा जाए तो विवाद रहता कहां है? एक साथ आने के लिए इच्छा चाहिए.”
‘अब दुश्मनों की पंगत में शामिल न हों राज ठाकरे’
आशा यह है कि राज अब महाराष्ट्र के दुश्मनों की पंगत में शामिल न हों और महाराष्ट्र के शत्रुओं को घर की दहलीज से बाहर रखें. दोनों ‘भाई’ एक साथ आएंगे, इस वजह कुछ चेहरों पर नकली खुशी है.”
सामना में लिखा गया है, ”राज ठाकरे के प्रस्ताव पर उद्धव ठाकरे ने सहमति जताई है. उन्होंने मजबूती से कदम आगे बढ़ाते हुए कहा है कि अगर कोई छोटा-मोटा विवाद हो तो भी मैं महाराष्ट्र के हित के लिए मिलकर काम करने को भी तैयार हूं. यह महाराष्ट्र की जन भावना द्वारा फूंकी हुई तुरही है. मराठी लोगों के स्वाभिमान और महाराष्ट्र के कल्याण के लिए अब कोई मतभेद आदि नहीं हैं, बल्कि विनम्र आशा यह है कि राज अब महाराष्ट्र के दुश्मनों की पंगत में शामिल न हों और महाराष्ट्र के शत्रुओं को घर की दहलीज से बाहर रखें.”