Bihar News: बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर राष्ट्रीय जनता दल(RJD) ने एक बार फिर नीतीश सरकार को घेरा है. RJD ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि बिहार में शराबबंदी कानून के तहत अब तक 9 लाख 36 हजार 949 मुकदमें दर्ज किए गए है जिसके तहत 14 लाख 32 हजार 837 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. आश्चर्यजनक है कि इन 1432837 में से लगभग 14,20700 से अधिक गिरफ्तार लोग यानि 99% से भी अधिक गरीब, दलित, पिछड़े और अतिपिछड़े वर्गों के है.
पोस्ट में आगे लिखा कि बाकी बचे 1 प्रतिशत से भी कम गिरफ्तार लोगों में गैर दलित, ग़ैर पिछड़ा/गैर अतिपिछड़ा और अन्य राज्यों के लोग है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार बिहार में 3 करोड़ 86 लाख 96 हजार 570 लीटर शराब बरामद की गई. इसमें 2 करोड़ 10 लाख 64 हजार 584 लीटर विदेशी तथा 1 करोड़ 76 लाख 31 हजार 986 लीटर देशी शराब शामिल है.
‘बिहार में विदेशी शराब की खपत अधिक’
आरजेडी की तरफ से दावा किया गया है कि आंकड़ों के अनुसार बिहार में विदेशी शराब की खपत अधिक है. अब गरीब लोग तो 2 करोड़ 10 लाख लीटर विदेशी शराब पिएंगे नहीं? फिर बिहार में विदेशी शराब कौन पीता है? उत्तर है अमीर लोग- जिन्हें ये भ्रष्ट सरकार और पुलिस गिरफ़्तार नहीं करती?
बिहार में शराबबंदी कानून के तहत अब तक 𝟗 लाख 𝟑𝟔 हजार 𝟗𝟒𝟗 मुकदमें दर्ज किए गए है जिसके तहत 𝟏𝟒 लाख 𝟑𝟐 हजार 𝟖𝟑𝟕 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। आश्चर्यजनक है कि इन 𝟏𝟒𝟑𝟐𝟖𝟑𝟕 में से लगभग 𝟏𝟒,𝟐𝟎𝟕𝟎𝟎 से अधिक गिरफ़्तार लोग यानि 𝟗𝟗% से भी अधिक गरीब, दलित, पिछड़े…
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) April 21, 2025
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‘शराब किसकी मिलीभगत से आ रही है?’
RJD ने सवाल करते हुए लिखा कि सरकार बताए कि 9,36,949 मुकदमें दर्ज होने और 14,32, 837 लोगों को गिरफ़्तार करने के बाद भी बिहार में 3,86,96,570 लीटर शराब कहां से आ रही है? शराब किसकी मिलीभगत से आ रही है? सप्लाई कौन कर रहा है? बिहार पुलिस और बिहार सरकार ने शराबबंदी को अवैध उगाही, तस्करी और भ्रष्टाचार का एक सशक्त उपकरण बना लिया है. क्या यह सच नहीं है कि शराबबंदी के नाम पर बिहार में 40 हज़ार करोड़ से अधिक के अवैध कारोबार यानि Black Market अर्थात काला बाजार की समानांतर अर्थव्यवस्था चल रही है.
बता दें कि बिहार में 5 अप्रैल 2016 से शराबबंदी कानून लागू हुआ था. 9 जुलाई 2015 को सीएम नीतीश कुमार ने महिलाओं के एक कार्यक्रम के दौरान घोषणा की थी कि अगर चुनाव में जीत के बाद उनकी सरकार बनी तो शराबबंदी लागू करेंगे. बिहार में शराबबंदी को 9 साल पूरे हो चुके हैं. बिहार में शराबबंदी एक अहम मुद्दा बन गया है खासकर चुनावी साल में इसको लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इसका चुनाव में क्या असर होगा, ये देखने वाली बात होगी.
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